hindisamay head


अ+ अ-

कविता

गजलें

शमशेर बहादुर सिंह


मेरा दिल अब आज़माया जाएगा

दिन तमाशा ख़्वाब हैं रातें मेरी

 

मेरा दिल अब आज़माया जाएगा

मेरा दिल अब आज़माया जाएगा
मुफ़्त इक महशर उठाया जाएगा

जाने - जाँ यह ज़िन्दगी होगी न जब
ज़िन्दगी से तेरा साया जाएगा

आज मैं शायद तुम्हारे पास हूँ
और किसके पास आया जाएगा

कौन मरहम दिल पे रक्खेगा भला
ज़ख़्मे - दिल किसको दिखाया जाएगा

मेरे सीने से लिपट कर सो रहो
आरज़़ूओं को सुलाया जाएगा

 

दिन तमाशा ख़्वाब हैं रातें मेरी

दिन तमाशा ख़्वाब हैं रातें मेरी
फिर ग़ज़ल में ढल गईं बातें मेरी

दिल के आईने में मुस्तक़बिल उदास
क्या ख़ुशी देंगी मुलाक़ातें मेरी

गर्मियाँ, आहों भरी तनहाइयाँ
आंसुओं की याद बरसातें मेरी

मेरी क़द्रें वादाहाए-फ़र्दा आज
अह्दहाए-रफ़्ता औक़ातें मेरी

दिल में भी वल्लाह् कितनी दूर हो
हों दुआएँ ही मुनाजातें मेरी

सारे अरमां दिल के दिल में बन्द हों
यूं धरी रह जाएँ सौग़ातें मेरी


(लिप्यंतरण : शाहिद मोहम्मद पठान। आभार : स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा)

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ



अनुवाद